उत्तर प्रदेश में छात्रों के लिए बड़ी राहत: हर सेमेस्टर में मिलेगी Scholarship

सरकार का नया ऐलान
उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को बड़ी राहत देते हुए Scholarship और शुल्क प्रतिपूर्ति की नई व्यवस्था लागू करने का ऐलान किया है। इसके तहत अब स्नातक और परास्नातक छात्रों को हर सेमेस्टर के आधार पर यह लाभ प्रदान किया जाएगा।
अब तक यह सुविधा साल में केवल एक बार दी जाती थी, जिससे छात्रों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। सरकार के इस निर्णय से छात्रों को वर्ष में दो बार Scholarship और शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी।
छात्रों को क्या होगा फायदा?
नई व्यवस्था के तहत:
- छात्रों को हर सेमेस्टर के बाद आर्थिक सहायता मिलेगी।
- ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस और अन्य शैक्षिक खर्चों को समय पर चुकाना आसान होगा।
- आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ने की नौबत कम होगी।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, “पहले छात्रों को पूरी फीस भरनी पड़ती थी और बाद में प्रतिपूर्ति मिलती थी, जिससे कई बार वे पढ़ाई बीच में छोड़ देते थे। अब समय पर सहायता मिलने से यह समस्या हल होगी।”
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए चेहरा पहचान प्रणाली
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि Scholarship प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब चेहरा पहचान (फेस वेरिफिकेशन) की अनिवार्यता लागू की जाएगी।
छात्रों का डिजिटल चेहरा मिलान कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभ केवल वास्तविक और पात्र छात्रों को ही मिले। इसके अलावा, Scholarship आवेदन पोर्टल अब पूरे साल खुला रहेगा, जिससे छूटे हुए छात्रों को भी मौका मिल सकेगा।
बैठक में किन नेताओं ने लिया हिस्सा?
यह फैसला मंगलवार को लखनऊ स्थित भागीरथी भवन में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक में तीनों प्रमुख विभागों के मंत्री मौजूद रहे:
- ओमप्रकाश राजभर – अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
- असीम अरुण – समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
- नरेंद्र कश्यप – पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
मंत्रियों ने कहा कि यह बदलाव लंबे समय से छात्रों और शिक्षण संस्थानों की मांग थी, जिसे अब अमल में लाया गया है।
क्यों अहम है यह फैसला?
उत्तर प्रदेश देश के सबसे अधिक छात्र जनसंख्या वाले राज्यों में से एक है। यहां की बड़ी आबादी ग्रामीण और निम्न आय वर्ग से आती है, जहां उच्च शिक्षा में दाखिला लेने के बाद आर्थिक बोझ एक बड़ी चुनौती बन जाता है।
छात्रों के हित में इस नई व्यवस्था को एक सकारात्मक और परिवर्तनकारी कदम माना जा रहा है, जिससे राज्य में शिक्षा का स्तर और नामांकन दर दोनों बढ़ने की उम्मीद है।