पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किया नामांकित, ईरान पर बढ़ते तनाव के बीच लिया फैसला

इस्लामाबाद/वॉशिंगटन — पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित करेगी। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब ट्रंप की ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य介入 को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बनी हुई है।
पाकिस्तानी सरकार ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा:
“पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की निर्णायक कूटनीतिक पहल और नेतृत्व के लिए उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित करने का निर्णय लिया है।”
सरकार का कहना है कि ट्रंप की सक्रिय मध्यस्थता के कारण दक्षिण एशिया में एक बड़े सैन्य टकराव को टालने में मदद मिली, जिसे वह “decisive diplomatic intervention” बता रही है।
व्हाइट हाउस में हुई थी उच्चस्तरीय बैठक
इस घोषणा से केवल दो दिन पहले ट्रंप की मुलाकात पाकिस्तानी सेना के प्रमुख Field Marshal आसिम मुनिर से व्हाइट हाउस में हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात में क्षेत्रीय सुरक्षा, कश्मीर मसले और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
हालांकि ट्रंप इस समय Middle East, विशेष रूप से ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, पाकिस्तान का यह कदम दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और राजनीतिक संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान का यह फैसला ट्रंप के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने और उसे एक वैश्विक 'शांति निर्माता' के रूप में प्रस्तुत करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
जहां एक ओर पाकिस्तान ट्रंप की कूटनीति की सराहना कर रहा है, वहीं ट्रंप की ईरान के प्रति आक्रामक नीति आलोचकों के निशाने पर है।
नोबेल शांति पुरस्कार की समिति की ओर से अभी इस नामांकन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह प्रस्ताव दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व की राजनीति में नए संकेत दे रहा है।