इज़रायल की 'ग़ाज़ा पर नियंत्रण' योजना पर स्वीडन का विरोध
स्वीडन की विदेश मंत्री ने कहा – यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा

स्टॉकहोम/यरुशलम
स्वीडन ने इज़रायल की उस योजना की कड़ी आलोचना की है जिसमें ग़ाज़ा पट्टी पर पूरी तरह से नियंत्रण लेने की बात कही गई है। स्वीडन की विदेश मंत्री मारिया माल्मर स्टेनेरगार्ड ने कहा है कि अगर यह नियंत्रण ग़ाज़ा की ज़मीन को बदलने या कब्ज़े में लेने की दिशा में उठाया गया कदम है, तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून के ख़िलाफ़ होगा।
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि उनका देश "ग़ाज़ा पट्टी के सभी हिस्सों पर नियंत्रण" करेगा। उन्होंने यह बात उस सैन्य अभियान के सिलसिले में कही जिसे इस महीने और ज़्यादा बढ़ाया गया है।
स्वीडन की स्पष्ट चेतावनी
विदेश मंत्री स्टेनेरगार्ड ने कहा:
“अगर इसका मतलब ज़मीन का अधिग्रहण या ग़ाज़ा की स्थिति में बदलाव है, तो यह अंतरराष्ट्रीय क़ानून का सीधा उल्लंघन है। स्वीडन इस बात में विश्वास रखता है कि ग़ाज़ा की सीमा और क्षेत्र को बदला नहीं जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि स्वीडन ने बार-बार इज़रायल से मानवीय सहायता को बिना किसी रोकटोक के पहुंचाने की अपील की है।
मान्यता और मानवीय चिंता
स्वीडन उन पहले यूरोपीय देशों में से एक है जिसने 2014 में फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी थी। इस पृष्ठभूमि में स्वीडन की टिप्पणी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से देखा जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और कई मानवीय संगठनों ने हाल के सप्ताहों में ग़ाज़ा में मानवीय संकट को लेकर चेतावनी दी है। वहां लगातार हमलों और नाकेबंदी की वजह से लाखों लोगों को भोजन, दवा और पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष
स्वीडन की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ग़ाज़ा पट्टी में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इज़रायल की ओर से किसी स्पष्ट प्रतिक्रिया की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन यह साफ है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग़ाज़ा को लेकर चिंता लगातार बढ़ रही है।