बलूचिस्तान ने की आज़ादी की घोषणा, मीर यार बलूच बोले - "हम पाकिस्तानी नहीं हैं, हमें भारत का समर्थन चाहिए"

क्वेटा/नई दिल्ली।
पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में दशकों से चल रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के बीच बलूच नेता मीर यार बलूच ने बुधवार को पाकिस्तान से स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा कर दी। उन्होंने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करते हुए भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस आंदोलन में समर्थन देने की अपील की।
मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
"बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है। बलूचों ने अपना फैसला सुना दिया है, अब दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए।"
उन्होंने भारत के नागरिकों, मीडिया, यूट्यूबर्स और बुद्धिजीवियों से अपील की कि बलूच लोगों को "पाकिस्तान के अपने लोग" कहने से बचें।
"पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं" — मीर यार बलूच का बड़ा बयान
बलूच नेता ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
"हम पाकिस्तानी नहीं हैं। हम बलूच हैं। पाकिस्तान के असली लोग पंजाबी हैं, जिन्होंने कभी हमारे जैसे अत्याचारों — हवाई बमबारी, जबरन गायब किए जाने और नरसंहार — का सामना नहीं किया।"
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान कभी भी बलूचिस्तान के पाकिस्तान में विलय को साबित करने के लिए कोई कानूनी या अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज पेश नहीं कर सका।
भारत के रुख का समर्थन, गुलाम कश्मीर पर खुलकर बोले बलूच नेता
मीर यार बलूच ने भारत द्वारा 14 मई 2025 को पाकिस्तान से गुलाम जम्मू-कश्मीर खाली करने की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा,
"बलूचिस्तान भारत के इस कदम का पूर्ण समर्थन करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी पाकिस्तान से तुरंत गुलाम कश्मीर खाली करने का आग्रह करना चाहिए, ताकि एक और 'ढाका जैसा आत्मसमर्पण' टाला जा सके।"
बलूच नेता ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान ने ध्यान नहीं दिया, तो उसकी सेना के जनरलों को संभावित रक्तपात का जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान, कश्मीर के निर्दोष लोगों को "मानव ढाल" के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
बलूचिस्तान में चार ट्रक ड्राइवरों की हत्या
इस बीच बलूचिस्तान के नोश्की जिले में चार ट्रक ड्राइवरों को अगवा कर गोलियों से भून दिया गया। यह घटना मंगलवार रात क्वेटा से लगभग 100 किलोमीटर दूर गलांगूर इलाके में हुई। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने इस घटना की पुष्टि की। अभी तक किसी समूह ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी नहीं ली है।
पृष्ठभूमि: बलूचिस्तान में मानवाधिकार संकट
बलूचिस्तान में लंबे समय से मानवाधिकारों का गंभीर हनन होता रहा है। इसमें जबरन गुमशुदगी, न्यायेतर हत्याएं, और राजनीतिक असहमति को कुचलना शामिल है। इन अत्याचारों के लिए पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और स्थानीय सशस्त्र संगठनों, दोनों पर आरोप लगाए गए हैं।